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गुलजार साहब की 10 बेहतरीन शायरी
आज की स्टोरी में गुलजार साहब की 10 शायरी का बेहतरीन चुनिंदा कलेक्शन लेकर आएं ।
तकलीफ खुद ही कम हो गई
जब अपनों से उम्मीद कम हो गई..
रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो
दिन की चादर अभी उतारी है..
छोटा सा साया था आँखों में आया था
हमने दो बूंदों से मन भर लिया..
गुलजार साहब शायरी
तुम शोर करते हो
सुर्खियों में आने के लिए
हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई है..
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई..
दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा
इसका शायद कोई हल नहीं हैं..
गुलजार की शायरी
बेहिसाब हसरते ना पालिये
जो मिला हैं उसे सम्भालिये..
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है..
गुलजार साहब शायरी।
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