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राहत इंदौरी की बेहतरीन शायरी

आज की स्टोरी में राहत इंदौरी की बेहतरीन शायरी का चुनिंदा कलेक्शन लेकर आएं ।
मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है
और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है
उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन
आने जाने में किराया भी बहुत लगता है..
राहत इंदौरी की बेहतरीन शायरी
तुम ही सनम हो, तुम ही खुदा हो
वफा भी तुम हो तुम, तुम ही जफा हो
सितम करो तो मिसाल कर दो
करम करो तो कमाल कर दो..
प्यार के उजाले में गम का अँधेरा क्यों है
जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है
मेरे रब्बा अगर वो मेरा नसीब नहीं तो
ऐसे लोगो से हमे मिलता क्यों है..
जहाँ से गुजरो धुआं बिछा दो
जहाँ भी पहुंचो धमाल कर दो
तुम्हें सियासत ने हक दिया है
हरी जमीनों को लाल कर दो..
राहत इंदौरी शायरी
शहरों में तो बारुदों का मौसम है
गांव चलो अमरूदों का मौसम है
सूख चुके हैं सारे फूल फरिश्तों के
बागों में नमरूदों का मौसम है..
कम नहीं हैं मुझे हमदमों से
मेरा याराना है इन गमों से
मैं खुशी को अगर मुंह लगा लूं
मेरे यारों का दिल टूट जाए..
राहत इंदौरी
है सादगी में अगर यह आलम
के जैसे बिजली चमक रही है
जो बन संवर के सड़क पे निकलो
तो शहर भर में धमाल कर दो..
मेरी सांसों में समाया _ भी बहुत लगता है,
और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है,
उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन
आने जाने में किराया भी बहुत लगता है.
Rahat Indori Shayari
राहत इंदौरी की शायरी
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