डॉ राहत इंदौरी साहब भारत के एक प्रसिद्ध कवि थे, उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर में हुआ था। इस पोस्ट में हम Ratat Indori की मशहूर शायरियां लेकर आए हैं।
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे..
फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं..
कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे..
राहत इंदौरी
मैंने दिल दे कर उसे की थी वफ़ा की इब्तिदा उसने धोखा दे के ये किस्सा मुकम्मल कर दिया शहर में चर्चा है आख़िर ऐसी लड़की कौन है जिसने अच्छे खासे एक शायर को पागल कर दिया...
उस की याद आई है, साँसों ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनो से भी इबादत में ख़लल पड़ता है..
दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया..
बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाय..
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है चाँद पागल है अंन्धेरे में निकल पड़ता है..
Rahat Indori famous shayari
कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं, कभी धुए की तरह परबतों से उड़ते हैं, ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी, के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं..
Rahat Indori hindi shayari
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